मेरी शायरी..
खुली हुई किताब हूँ मैं, ज़िन्दगी के मेज पर पड़ी.. जब चाहो पढ़ सकते हो मुझे, सिर्फ प्यार की नज़र से...
Wednesday 23 September 2009
बिस्तर...
"हर रात बिस्तर मेरा,
शिकायत करता है मुझसे...
हर सुबह वो रो-रो कर,
सो जाता है तन्हा...."
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