Sunday 28 October 2012

नमस्कार मित्रों,

मैंने आज अपने इस ब्लॉग को अपने एक अन्य ब्लॉग में मर्ज कर लिया है..... जिसका लिंक www.manavsir.blogspot.com  है... आप सब दोस्तों ने मुझे जो प्यार और सम्मान दिया है उसका मैं आभारी हूँ..... आपसे विनती है कि आप सब अपना प्यार मुझे यूँ ही देते रहे... मुझे आपके प्यार और साथ कि जरुरत है... इसके लिए आप मेरे इस दिए हुए लिंक पर मेरा साथ दीजिये....

आपका आभारी,
मानव मेहता

Sunday 13 May 2012

रिश्ता.........




आओ दोनों लोहे की जंज़ीरों से बंध जायें...
दोनों सिरे मिलाकर एक जिंदा लगा दें,
सुना है कच्चे धागे का रिश्ता-
अक्सर टूट जाया करता है.......!!!

Wednesday 1 June 2011

तेरा वजूद


"तेरा वजूद है कायम मेरे दिल में उस इक बूँद की तरह,
जो गिर कर सीप में इक दिन मोती बन गयी....."
 
 

Saturday 21 May 2011

मौसम संग बदलते रिश्ते...

















कौन चलता है ताउम्र किसी के साथ
साँसें भी थम जाती हैं धड़कन रूक जाने के बाद
तुमसे नहीं गिला कोई जो किया अच्छा किया
रिश्ते बदल जाते हैं अकसर मौसम बदल जाने के बाद.......


                           मानव मेहता 

Saturday 12 February 2011

तेरा एहसास















तू दूर होकर भी हर पल मेरे पास है
जाने क्यूँ आज फिर भी तेरा एहसास है
टूट चुके हैं जब सब तिलिस्म इस बन्धन के
तेरी तस्वीर फिर भी लगती क्यूँ खास है.....

Thursday 16 December 2010




किसी दिन तो मेरे हाथों को तेरे हाथों का एहसास हो,
किसी दिन तो ऐसा हो की सिर्फ तू ही मेरे पास हो...
फिर उस वक़्त बताऊँ तुम्हे की इस 'मन' के मन में क्या है,
तुम कितने मेरे अपने हो, तुम कितने मेरे ख़ास हो...

Tuesday 14 December 2010




मेरा कहीं कुछ ग़ुम है शायद,
तुम्हे मिले तो मुझे पता देना,
अब की बार रखूँगा उसे सहज कर,
हाथ आये तो फिर नहीं जाने देना.....

Monday 2 August 2010



"वो जो कहते हैं की पी कर गिरते हो तुम,
क्या बताएं उन्हें की पी कर ही सँभालते है हम...
ये जो देती है हमें दुनिया ताने सौ सौ,
उनसे बचने का ही कुछ एहतराम करते हैं हम..."


गिला करते नहीं उनसे किसी भी बात पर,
अफ़सोस रहेगा हर पल अपने हालत पर.........
वो चाहे पुकारे या ना पुकारे मेरे नाम को कभी,
बस चुके हैं वो लकीरों की तरह मेरे हाथ पर.........

Thursday 22 April 2010

ਦਰਦ ਕਾਫੀ ਹੈ ਦਿਲ ਵਿਚ ਹੰਜੂ ਬਹਾਉਣ ਲਈ,
ਹੰਜੂ ਕਾਫੀ ਨੇ ਇਕ ਦਰਿਯਾ ਬਣਾਉਣ ਲਈ ..
ਛਡ ਕੇ ਤੁਰ ਗਯਾ ਮੇਰਾ ਮਹਿਯਾ ਜਦੋਂ ਦਾ ਮੈਨੂ,
ਬਸ ਓਹਦੀ ਯਾਦ ਹੀ ਕਾਫੀ ਹੈ ਦਿਲ ਧੜ੍ਕਾਉਣ ਲਈ....



dard kaafi hai dil vich hanju bahaun lai,
hanju kaafi ne ik dariya banaun lai..
chad ke tur gya mera mahiya jadon da mainu,
bas ohdi yaad hi kafi hai dil dhadkaun lai...

Monday 26 October 2009



"लहरों को 'चकनाचूर' होते
देखा है अक्सर 'चट्टानों' से,
मुझे मालूम न था की इक दिन-
मेरे भी 'सपने'-
इसी तरेह चकनाचूर होकर 'बिखर' जायेंगे.....


मैंने तो अपने आप को समझाया,
की अब ये 'सपने',
कभी 'साकार' न होंगे,

पर ये 'कमबख्त' 'दिल' कहता है की-
 कभी न कभी आकर,
'वो' मेरे 'टूटे' हुए 'सपनों' को,
'नया रूप' देंगे..






"जब भी सुलझाना चाहा, ज़िन्दगी के सवालों को मैंने,
हर इक सवाल में ज़िन्दगी मेरी उलझती चली गयी..."

Sunday 25 October 2009




"अब तो हर तरफ तन्हाई ही दिखती है,
चले गए हैं सब न जाने कहाँ छोड़ कर मुझे...."

Saturday 10 October 2009


"क्या क्या न सोचा था हमने,
की इस तरेह से ज़िन्दगी बिताएंगे,
पर मालूम न था हमें की
अगले ही मोड़ पर
अपनी ज़िन्दगी से ही धोखा खायेंगे....."



written by:- Dinky Mehta

Wednesday 30 September 2009

मौत मांगता हूँ




"मौत मांगता हूँ अब, तो वो आती नहीं,
ज़िन्दगी से अब डर लगने लगा है मुझे,
क्या कहूँ कैसा हाल हो गया है अब मेरा,
हर कोई 'बेवफा' लगने लगा है मुझे..."