खुली हुई किताब हूँ मैं, ज़िन्दगी के मेज पर पड़ी.. जब चाहो पढ़ सकते हो मुझे, सिर्फ प्यार की नज़र से...
बहुत खूब!
बेहतरीन................ जिन्दगी खुद एक सवाल है ........जिसका कोई जवाब नहीं .............
kuchh sabal aese mile jo jababo me milkr suljh gayepar kuchh jabab khud ek sabal bankar uljh gae....
बहुत खूब!
ReplyDeleteबेहतरीन................
ReplyDeleteजिन्दगी खुद एक सवाल है ........जिसका कोई जवाब नहीं .............
kuchh sabal aese mile jo jababo me milkr suljh gaye
ReplyDeletepar kuchh jabab khud ek sabal bankar uljh gae....